सारांश: इस चिट्ठी में, इस बात की चर्चा है कि अपनी बात, दूसरों का समझाने की कला (कम्युनिकेशन) को, किस तरह से बेहतर किया जा सकता है।
जब मैं वकील बना, तो मैं अखबारों और पत्रिकाओं में नियमित रूप से लिखा करता था। बाद में उन्हें 'A Lawyer's World and Childhood Dreams' नाम से पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया। यह पुस्तक के पहले संस्करण का ऊपर का पेज है। इसमें कई लेख, इस चिट्ठे पर उपलब्ध हैं।
कानून के विद्यार्थियों को सलाह
भूमिका और सबसे मुख्य बात।। अपनी भाषा सुधारें।।
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